1 00:00:20,300 --> 00:00:23,250 हैलो, स्वागत है आपका 'ईएसओ' प्रसारण के इस विशेष अंक में. 2 00:00:23,250 --> 00:00:27,730 ये आपको 'ईएसओ' की अक्टूबर में पचासवीं वर्षगाँठ तक ले जायेगा. 3 00:00:27,730 --> 00:00:30,420 हम आपके लिए आठ विशेष अंक लेकर प्रस्तुत होंगे 4 00:00:30,420 --> 00:00:35,520 जिनमें आप 'ईएसओ' के दक्षिण के आकाश के अन्वेषण के विगत पचास गौरवशाली वर्षों की गाथा देखेंगे. 5 00:00:39,990 --> 00:00:43,750 अपनी पहुँच को बढ़ाना. 6 00:00:45,710 --> 00:00:48,830 स्तेफान गिसर्द को तारों से प्यार है. 7 00:00:49,880 --> 00:00:52,340 ताज्जुब नहीं कि उन्हें उत्तरी चिली से भी उतना ही प्यार है. 8 00:00:53,390 --> 00:00:57,630 यहाँ से हमें दुनियां में ब्रह्मांड का सबसे सुंदर दृश्य जो मिलता है. 9 00:00:59,170 --> 00:01:01,990 तो ये भी ताज्जुब की बात नहीं कि उन्हें यूरोपीयन सदर्न आब्जर्वेटरी से भी उतना ही लगाव है. 10 00:01:01,990 --> 00:01:04,760 - जो यूरोप की आकाश पर सधी आँख है. 11 00:01:05,910 --> 00:01:09,450 स्तेफान एक प्रतिष्ठित फ्रांसीसी फोटोग्राफर व लेखक हैं. 12 00:01:11,300 --> 00:01:15,180 वे 'ईएसओ' के अग्रदूत फोटोग्राफर हैं. 13 00:01:19,980 --> 00:01:24,960 उन्होंने अपने मोहक चित्रों में बखूबी आँका है एटाकामा मरुस्थल के सौंदर्य और नीरवता को, 14 00:01:24,960 --> 00:01:27,890 विराट दूरबीनों के उच्च तकनीकी निपुणता को, 15 00:01:27,890 --> 00:01:31,730 और रात्रि आकाश के वैभव को. 16 00:01:39,720 --> 00:01:43,240 अपने जैसे विश्व के अन्य छायाचित्र दूतों की तरह 17 00:01:43,240 --> 00:01:46,720 स्तेफान भी 'ईएसओ' के सन्देश को प्रसारित कर रहे हैं. 18 00:01:48,440 --> 00:01:52,320 जिज्ञासा, आश्चर्य और प्रेरणा का सन्देश, 19 00:01:52,320 --> 00:01:55,830 जिसका उद्घोष सहयोग और बाहर पहुँच द्वारा हो रहा है. 20 00:01:59,000 --> 00:02:02,130 सहयोग 'ईएसओ' की सफलता की आधारशिला रहा है. 21 00:02:02,500 --> 00:02:03,500 पचास साल पहले, 22 00:02:03,850 --> 00:02:05,340 यूरोपीयन सदर्न आब्जर्वेटरी 23 00:02:05,630 --> 00:02:08,100 का आरम्भ मात्र पांच संस्थापक सदस्यों से हुआ: 24 00:02:08,110 --> 00:02:12,350 बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, नेदरलैन्ड्स तथा स्वीडन. 25 00:02:12,750 --> 00:02:15,180 शीघ्र ही दूसरे यूरोपीय देश आ जुड़े. 26 00:02:15,500 --> 00:02:21,620 डेनमार्क 1967 में, इटली और स्विट्जर्लैण्ड 1982 में और पुर्तगाल 2001 में. 27 00:02:21,620 --> 00:02:23,850 फिर यूनाइटेड किन्ग्डम 2002 में. 28 00:02:24,790 --> 00:02:28,940 पिछले दशक में, फिनलैंड, स्पेन, चैक गणराज्य और ऑस्ट्रिया 29 00:02:28,940 --> 00:02:32,570 भी यूरोप के सबसे बड़े खगोलशास्त्रीय संस्थान से आ जुड़े. 30 00:02:33,590 --> 00:02:37,150 अभी हाल में ब्राजील 'ईएसओ' का पन्द्रहवां सदस्य 31 00:02:37,150 --> 00:02:40,150 और यूरोप के बाहर का पहला राष्ट्र बना. 32 00:02:40,570 --> 00:02:42,380 भविष्य में न जाने और क्या होगा. 33 00:02:43,400 --> 00:02:47,710 सभी सदस्य देश विश्व की सबसे बड़ी वेधशालाओं में 34 00:02:47,710 --> 00:02:50,730 खगोलशास्त्र के उच्च अध्ययन के लिए एकजुट है. 35 00:02:56,160 --> 00:02:58,300 ये उनके देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी हितकर है. 36 00:02:59,240 --> 00:03:03,730 'ईएसओ' यूरोप और चिली में उद्योग के साथ घुल-मिलकर सहयोग करती है. 37 00:03:14,650 --> 00:03:17,050 आवागमन के लिए सड़कों का निर्माण होना था. 38 00:03:17,900 --> 00:03:19,810 पर्वत शिखरों को सपाट करना था. 39 00:03:21,300 --> 00:03:24,370 इटली के उद्योग संघ 'एईएस' ने 40 00:03:24,370 --> 00:03:28,560 'वीएलटी' की चार दूरबीनों के मुख्य ढांचे तैयार किये. 41 00:03:28,560 --> 00:03:33,620 प्रत्येक दूरबीन का भार लगभग 430 टन है. 42 00:03:35,320 --> 00:03:41,160 उन्होंने दूरबीन के भवन भी बनाये जो दस मंजिला इमारत जितने ऊंचे हैं. 43 00:03:43,940 --> 00:03:48,910 एक काँच बनाने वाली जर्मन कम्पनी शॉट ने 'वीएलटी' के नाज़ुक दर्पण बनाये 44 00:03:48,910 --> 00:03:53,360 जो आठ मीटर व्यास और केवल 20 सेंटीमीटर मोटाई के हैं. 45 00:03:54,820 --> 00:03:56,280 फ्रांस के REOSC में, 46 00:03:56,280 --> 00:04:01,020 इन दर्पणों को चमकाने का कार्य हुआ जो मिलीमीटर के दस लाखवें भाग की परिशुद्धता से किया गया 47 00:04:01,020 --> 00:04:04,270 - पूर्व इसके कि उन्हें पारनाल की लंबी यात्रा पर भेजा जाता. 48 00:04:09,460 --> 00:04:13,170 इस बीच यूरोप के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में 49 00:04:13,170 --> 00:04:16,829 सुग्राही कैमरे और वर्णक्रममापी विकसित किये गए. 50 00:04:18,829 --> 00:04:21,500 'ईएसओ' की दूरबीनें करदाताओं के धन बनी हैं. 51 00:04:21,500 --> 00:04:22,600 आपके धन से. 52 00:04:23,000 --> 00:04:25,740 इसलिए आप भी इस उत्साह में सम्मिलित हो सकते हैं. 53 00:04:26,260 --> 00:04:31,050 उदाहरण के लिए, 'ईएसओ' की वेबसाइट प्रचुर खगोलीय सूचना का भंडार है. 54 00:04:31,050 --> 00:04:34,650 जिसमें हजारों सुंदर चित्र और विडियो हैं. 55 00:04:37,070 --> 00:04:40,620 इसके अलावा 'ईएसओ' पत्रिकाएं प्रकाशित करती है, प्रेस विज्ञप्तियां जारी करती है, 56 00:04:40,620 --> 00:04:45,340 और विडियो डाक्युमेंटरी बनाती है जैसी एक आप ठीक इस समय देख रहे हैं. 57 00:04:47,560 --> 00:04:49,180 और पूरे विश्व में 58 00:04:49,180 --> 00:04:55,000 'ईएसओ' विज्ञान मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेती है, 59 00:05:00,030 --> 00:05:04,630 ब्रह्माण्ड की खोज में भागीदारी के अनगिनत तरीके हैं. 60 00:05:06,770 --> 00:05:10,020 क्या आप जानते हैं कि 'वीएलटी' की चार दूरबीनों के नाम 61 00:05:10,020 --> 00:05:12,450 चिली की एक बालिका ने सुझाये थे? 62 00:05:13,360 --> 00:05:15,670 17 वर्षीया जोर्सी एल्बनेज़ कास्टिला ने 63 00:05:15,670 --> 00:05:20,790 ये चार नाम दिए थे, अंतु, कुइयन, मेलीपाल और येपुन 64 00:05:20,790 --> 00:05:27,150 जो मापुचे भाषा में सूर्य, चन्द्र, सदर्न क्रॉस और शुक्र के नाम हैं. 65 00:05:28,490 --> 00:05:32,430 जोर्सी जैसे स्कूली बच्चों और छात्रों की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है. 66 00:05:33,950 --> 00:05:36,830 'ईएसओ' अनेक शैक्षणिक कार्यक्रमों में सन्नद्ध है. 67 00:05:37,000 --> 00:05:40,890 जैसे, स्कूली अभ्यास एवं व्याख्यान. 68 00:05:43,190 --> 00:05:47,060 जब 2004 में शुक्र सूर्य के सामने से गुज़रा था, 69 00:05:47,060 --> 00:05:51,620 तब यूरोपीय छात्रों और अध्यपकों के लिए एक विशेष कार्यक्रम बनाया गया. 70 00:05:54,500 --> 00:05:59,030 और 2009 के अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष में 71 00:05:59,030 --> 00:06:03,980 'ईएसओ' विश्व भर में लाखों स्कूली बच्चों और छात्रों तक पहुँची. 72 00:06:03,980 --> 00:06:08,430 आखिर सच ही है कि आज के बच्चे ही तो कल के खगोलशास्त्री हैं. 73 00:06:13,490 --> 00:06:18,080 पर बाहर पहुँच बनाने के इस उपक्रम में ब्रह्मांड का कोई सानी नहीं है. 74 00:06:25,440 --> 00:06:27,870 खगोलशास्त्र एक दृश्य विज्ञान है. 75 00:06:27,870 --> 00:06:34,200 मंदाकिनियों, तारक गुच्छों और तारों की पौधशालाओं को देखकर हमारी कल्पना को पर लग जाते हैं. 76 00:06:39,010 --> 00:06:40,430 जब उनका विज्ञानं के लिए उपयोग न हो रहा हो तब, 77 00:06:40,430 --> 00:06:45,150 कभी कभार 'ईएसओ' की दूरबीनों का उपयोग 'कॉस्मिक जैम्स कार्यक्रम' में होता है 78 00:06:45,150 --> 00:06:50,220 -- केवल शैक्षणिक और जन जागरण के लिए चित्र खींचने में. 79 00:06:58,220 --> 00:07:02,110 कहते हैं कि एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है. 80 00:07:05,110 --> 00:07:09,400 सामान्य जन इन स्तब्धकारी चित्रों के सृजन में भाग ले सकते हैं. 81 00:07:09,400 --> 00:07:12,130 इसके लिए हमारी 'हिडन ट्रेजर' प्रतियोगिताएं हैं. 82 00:07:15,370 --> 00:07:21,620 रूसी शौकिया खगोलशास्त्री इगोर चेकालिन ने वर्ष 2010 की प्रतियोगिता जीती थी. 83 00:07:23,270 --> 00:07:27,200 उनके अद्भुत चित्र वास्तविक वैज्ञानिक आंकड़ों पर आधारित थे. 84 00:07:32,980 --> 00:07:35,750 सदस्य देशों, उद्योग और विश्वविद्यालयों ने 85 00:07:35,750 --> 00:07:38,520 हर स्तर पर सहयोग कर 86 00:07:38,520 --> 00:07:43,760 'ईएसओ' को विश्व की एक सफलतम संस्था बनाया है. 87 00:07:44,420 --> 00:07:48,820 और इसके जन अभियान के तहत आप इस साहसिक उपक्रम से जुड़ सकते हैं. 88 00:07:49,000 --> 00:07:52,240 यह ब्रह्माण्ड आपका आह्वान कर रहा है - कि मुझे खोजो तो जानें. 89 00:07:55,500 --> 00:07:59,800 इसी के साथ मैं डा० जे 'ईएसओ' प्रसारण के इस विशेष अंक से आपसे विदा ले रहा हूँ. 90 00:07:59,800 --> 00:08:02,980 फिर मिलेंगे ब्रह्मांड की खोज के एक और दिलचस्प अभियान के साथ. 91 00:08:05,930 --> 00:08:08,230 'ईएसओ' प्रसारण 'ईएसओ' द्वारा प्रस्तुत किया गया, 92 00:08:09,690 --> 00:08:11,110 'ईएसओ' यानि यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला, 93 00:08:11,110 --> 00:08:12,880 खगोलशास्त्र की अग्रणी अंतर्शासकीय विज्ञान और तकनीकी संस्था है, 94 00:08:12,880 --> 00:08:14,690 जो सन्नद्ध है विश्व की भूतल स्थित सबसे अत्याधुनिक दूरबीनें बनाने में. 95 00:08:18,230 --> 00:08:23,000 प्रतिलेखन 'ईएसओ', अनुवाद - Piyush Pandey पीयूष पाण्डेय, JNMF, इलाहाबाद