1 00:00:02,220 --> 00:00:04,240 ये 'ईएसओ' प्रसारण है. 2 00:00:04,240 --> 00:00:07,860 अग्रणी विज्ञान और 'ईएसओ' के नेपथ्य की झलकियाँ. 3 00:00:07,860 --> 00:00:10,330 'ईएसओ' यानि द यूरोपीयन सदर्न आब्जर्वेटरी 4 00:00:10,500 --> 00:00:17,810 ब्रह्माण्ड को टटोलते हुए हमारे सूत्रधार डा० जो लिस्क बनाम डा० जे के साथ. 5 00:00:20,000 --> 00:00:23,120 हैलो, स्वागत है आपका 'ईएसओ' प्रसारण के इस विशेष अंक में. 6 00:00:23,500 --> 00:00:27,830 ये आपको 'ईएसओ' की अक्टूबर में पचासवीं वर्षगाँठ तक ले जायेगा. 7 00:00:27,830 --> 00:00:30,560 हम आपके लिए आठ विशेष अंक लेकर प्रस्तुत होंगे जिनमें आप ... 8 00:00:30,560 --> 00:00:35,620 'ईएसओ' के दक्षिण के आकाश के अन्वेषण के विगत पचास गौरवशाली वर्षों की गाथा देखेंगे. 9 00:00:39,660 --> 00:00:44,600 बड़े उपकरणों का निर्माण. 10 00:00:49,910 --> 00:00:52,820 खगोलशास्त्र एक बड़ा विज्ञान है. 11 00:00:55,410 --> 00:00:57,170 और बाहर है विराट ब्रह्माण्ड, 12 00:00:57,170 --> 00:01:01,610 और ब्रह्माण्ड के अध्ययन के लिए जरूरी हैं विशाल उपकरण. 13 00:01:06,350 --> 00:01:10,830 ये है अमेरिका के पेलोमर शिखर पर स्थित 5 मीटर व्यास की हेल परावर्तक दूरबीन. 14 00:01:10,830 --> 00:01:15,740 जब पचास वर्ष पूर्व यूरोपीयन सदर्न आब्जर्वेटरी का पदार्पण हुआ 15 00:01:15,740 --> 00:01:19,190 तब वह दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन थी. 16 00:01:20,440 --> 00:01:26,000 'ईएसओ' की सेर्रो पारनाल में लगी वैरी लार्ज टेलीस्कोप एक अद्यतन उपकरण है. 17 00:01:26,500 --> 00:01:29,310 इतिहास की सबसे शक्तिशाली वेधशाला के बतौर इसने 18 00:01:29,310 --> 00:01:33,690 हमें इस ब्रह्मांड के पूरे सौंदर्य का परिचय दिलाया जिसके हम निवासी हैं. 19 00:01:36,330 --> 00:01:40,600 पर खगोलशास्त्रियों की निगाहें और भी बड़े उपकरणों पर लगी हैं. 20 00:01:40,600 --> 00:01:43,960 और 'ईएसओ' उनके इन सपनों को साकार करने में लगी है. 21 00:01:58,310 --> 00:02:00,630 सैन पेड्रो ड एटाकामा. 22 00:02:02,000 --> 00:02:05,560 असाधारण बहार और प्राकृतिक चमत्कारों से भरी इस धरती पर 23 00:02:05,560 --> 00:02:10,080 ये मनोहर क़स्बा देशी एटाकामॉस लोगों का घर है. 24 00:02:10,080 --> 00:02:12,630 और ऐसे साहसिक पर्यटकों का भी. 25 00:02:14,890 --> 00:02:18,690 और 'ईएसओ' के खगोलशास्त्रियों और तकनीशियनों का भी. 26 00:02:24,000 --> 00:02:28,070 और सैन पेड्रो के पास ही 'ईएसओ' की पहली महत्वाकांक्षी मशीन आकार ले रही है. 27 00:02:28,070 --> 00:02:33,660 इसका नाम है 'एल्मा' यानि एटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर अरे. 28 00:02:34,740 --> 00:02:40,100 'एल्मा' यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पूर्वी एशिया का संयुक्त उद्यम है. 29 00:02:40,100 --> 00:02:43,060 ये एक विशाल ज़ूम लेंस के माफिक काम करता है. 30 00:02:43,060 --> 00:02:48,340 इसके 66 एंटेने जब पास पास होते हैं तो हमें चौड़ा दृश्य फलक देते है. 31 00:02:48,340 --> 00:02:54,240 पर इन्हें फैला दीजिए तो ये आकाश के एक छोटे से क्षेत्र का आवर्धित रूप दिखाते हैं. 32 00:02:56,370 --> 00:03:01,060 सबमिलीमीटर तरंगों में 'एल्मा' ब्रह्माण्ड का कुछ दूसरा नजारा दिखाएगा. 33 00:03:01,060 --> 00:03:02,720 वो क्या होगा? 34 00:03:04,260 --> 00:03:09,740 ब्रह्माण्ड के जन्म कुछ समय बाद हुयी प्रथम मंदाकिनियों के जन्म की प्रक्रिया. 35 00:03:12,480 --> 00:03:15,110 आण्विक गैस के ठंडे धूल भरे बादल. 36 00:03:15,110 --> 00:03:19,200 तारों की पौधशालाएं जहाँ नए सूर्यों और ग्रहों का जन्म होता है. 37 00:03:22,810 --> 00:03:25,370 और, ब्रह्मांड का रसायन शास्त्र. 38 00:03:29,170 --> 00:03:34,160 'एल्मा' जीवन के आधारस्तंभ जैविक अणुओं को खोजेगा. 39 00:03:38,260 --> 00:03:42,070 'एल्मा' के एंटेनाओं का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है. 40 00:03:43,020 --> 00:03:46,420 ऑटो और लोर नमक ये दो विशाल परिवाहक 41 00:03:46,420 --> 00:03:50,590 सम्पूरित एंटेनाओं को चायनन्तोर पठार पर ऊपर चढ़ाएंगे. 42 00:03:56,790 --> 00:03:58,690 समुद्र तल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर 43 00:03:58,690 --> 00:04:02,980 ये एरे माईक्रोवेव ब्रह्माण्ड के अभूतपूर्व दर्शन कराएगा. 44 00:04:10,090 --> 00:04:11,950 जब 'एल्मा' लगभग पूरा हो चूका होगा, 45 00:04:11,950 --> 00:04:16,060 तब 'ईएसओ' को अपने लक्ष्य तक पहुँचने में कई और वर्ष लगेंगे. 46 00:04:16,060 --> 00:04:18,130 आप वो पर्वत शिखर देख रहे हैं? 47 00:04:18,130 --> 00:04:20,769 इसका नाम है सेरो आर्माजोंस. 48 00:04:22,900 --> 00:04:24,260 ये पारनाल से बहुत दूर नहीं है. 49 00:04:24,260 --> 00:04:29,500 यहाँ लगेगी मानव इतिहास की सबसे बड़ी दूरबीन. 50 00:04:30,000 --> 00:04:34,680 मिलिए यूरोपीय अत्यंत बड़ी दूरबीन या E-ELT से. 51 00:04:35,110 --> 00:04:37,820 ये होगी आकाश पर सधने वाली अब तक की सबसे बड़ी आँख. 52 00:04:42,600 --> 00:04:45,730 इसके दर्पण का व्यास लगभग 40 मीटर होगा. 53 00:04:45,730 --> 00:04:51,260 जिससे ये अपने से पहले की सभी दूरबीनों को बौना बना देगी. 54 00:04:53,290 --> 00:04:56,620 इसमें हैं लगभग 800 कम्पूटर नियंत्रित दर्पण के भाग 55 00:04:58,280 --> 00:05:02,510 जटिल आप्तिकी ताकि प्रखरतम चित्र मिलें. 56 00:05:04,990 --> 00:05:08,150 दूरबीन कक्ष का गुम्बद एक चर्च से भी बड़ा. 57 00:05:13,120 --> 00:05:17,530 E-ELT में सबकुछ अतिशयपूर्ण है. 58 00:05:20,670 --> 00:05:25,170 पर सबसे बड़े आश्चर्य तो वास्तव में बाहर ब्रह्माण्ड में समाये हैं. 59 00:05:30,720 --> 00:05:35,100 E-ELT उजागर करेगी दुसरे तारों के गिर्द घूमते ग्रहों को. 60 00:05:38,760 --> 00:05:42,820 इसका ऑट्स वर्णक्रममापी दूसरे धरातीत संसारों के वायुमंडलों को सूंघेगा. 61 00:05:42,820 --> 00:05:45,120 इस आशा से कि जीवन के कोइ चिह्न वहां मिल जांय. 62 00:05:48,910 --> 00:05:54,250 इसके अलावा E-ELT मंदाकिनियों के अलग अलग तारों का अध्ययन करेगी. 63 00:05:54,250 --> 00:05:59,080 ऑट्स से कम करना पड़ोस के शहर के निवासियों से प्रथम बार मिलने जैसा है. 64 00:06:00,000 --> 00:06:02,390 मानों हम ब्रह्माण्ड की टाइम मशीन पर बैठे हों. 65 00:06:02,390 --> 00:06:06,130 विशाल दूरबीन हमें समय में अरबों वर्ष पीछे ले जाती है, 66 00:06:06,130 --> 00:06:08,400 ताकि हम जान सकें कि यह सब शुरू कैसे हुआ. 67 00:06:12,270 --> 00:06:15,770 शायद यह ब्रह्मांड के त्वरण की पहेली को सुलझा ले 68 00:06:15,770 --> 00:06:20,160 वो आश्चर्यजनक तथ्य कि मंदाकिनियाँ परस्पर दूरियां निरंतर बढ़ती जा रही है. 69 00:06:20,160 --> 00:06:22,640 तेज़ी से और भी तेज़ी से. 70 00:06:34,550 --> 00:06:38,910 खगोलशास्त्र जितना बड़ा विज्ञान है उतनी ही बड़ी इसकी पहेलियाँ हैं. 71 00:06:38,910 --> 00:06:40,500 क्या धरातीत जीवन है? 72 00:06:40,500 --> 00:06:42,760 ब्रह्मांड का उद्भव कैसे हुआ? 73 00:06:43,890 --> 00:06:48,980 'ईएसओ' की नयी दैत्याकार दूरबीन हमारी इन जिज्ञासाओं को शान्त करेगी. 74 00:06:48,980 --> 00:06:53,000 हम अभी उस लक्ष्य तक पहुंचे नहीं हैं पर ज्यादा समय नहीं लगेगा. 75 00:06:53,000 --> 00:06:54,310 तो फिर क्या होगा अगला साहसिक अभियान? 76 00:06:54,310 --> 00:06:55,910 किसी को नहीं मालूम. 77 00:06:55,910 --> 00:06:58,970 पर वो जो भी हो 'ईएसओ' उसके लिए तैयार है. 78 00:07:31,160 --> 00:07:34,970 इसी के साथ मैं डा० जे 'ईएसओ' प्रसारण के इस विशेष अंक से आपसे विदा ले रहा हूँ. 79 00:07:34,970 --> 00:07:38,300 फिर मिलेंगे ब्रह्मांड की खोज के एक और दिलचस्प अभियान के साथ. 80 00:07:40,730 --> 00:07:42,000 'ईएसओ' प्रसारण 'ईएसओ' द्वारा प्रस्तुत किया गया, 81 00:07:42,000 --> 00:07:44,000 'ईएसओ' यानि यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला. 82 00:07:44,910 --> 00:07:46,000 'ईएसओ', यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला, 83 00:07:46,000 --> 00:07:48,000 खगोलशास्त्र की अग्रणी अंतर्शासकीय विज्ञान और तकनीकी संस्था है, 84 00:07:48,000 --> 00:07:50,000 जो सन्नद्ध है विश्व की भूतल स्थित सबसे अत्याधुनिक दूरबीनें बनाने में. 85 00:07:53,480 --> 00:07:58,490 प्रतिलेखन 'ईएसओ', अनुवाद - Piyush Pandey पीयूष पाण्डेय, JNMF, इलाहाबाद